जंगल में एक घोड़े की दोस्ती जंगल में घूम रहे एक बैल से हो जाती है। दोनों हर वक्त साथ-साथ रहते घास चरने के साथ साथ दोनों एक दूसरे को परेशान करके कभी-कभी खेलते हुए थे। कुछ दिनों बाद जब गर्मियों का मौसम आया तो मैदान में घास कम होने लगी। बैल को […]
सुंदर अपनी पैदाइश से ही अपने घर के लान में एक आम का पौधा देखता था। आम का पेड़ सुंदर के साथ ही बड़ा होने लगा जब सुंदर जवान हुआ, तब तक आम का पेड़ भी काफी बड़ा हो गया था। और उसमें बड़े रसीले फल लगने लगे थे । सुंदर और पूरे […]
रितेश की मां जानकी देवी उसे बहुत प्यार करती रितेश भी अपनी मां को बहुत मानता स्कूल से जैसे ही वह घर आता मां के गले लिपट कर उसे ढेर सारा प्यार करता था। कुछ दिनों बाद जानकी की तबीयत काफी बिगड़ने लगती है। डॉक्टरों ने बताया कि उसे […]
चंदनपुर रियासत के राजा सोमदत्त को संगीत से बड़ा लगाव था। वह खुद संगीत की विद्या में पारंगत तो नहीं थे । मगर वह अपने तीनों बच्चों को संगीत में प्रवीण करना उसका सपना था। सोमदत्त के तीन बच्चे थे। चंद्र, नीर, पूरब हैं। तीनों बच्चे संगीत की शिक्षा […]
अनुराधा की शादी एक ऐसे लड़के से होने जा रही थी। जिसको न कभी अनुराधा ने देखा था ना ही उस लड़के ने अनुराधा को देखा था, देखते ही देखते शादी का दिन भी आ गया, चूँकि, वो जमाना मोबाइल का भी नहीं था। इसलिए फोन से चैटिंग वाले आज जैसे मौके भी उस वक्त मौजूद […]
आसमान मे आज घेरे मे काफी ज्यादा संख्या मे पंछी मडरा रहे है।काफी तेजी से कोई दुर्गंध फैल रही है, लोग मुहँ को कपड़े से ढकने लगे है। चारो तरफ भीड़ जमा है, आख़िर क्या हो रहा है। वहा कुछ लोग खुदाई कर रहे है।काफी तादाद मे वहा पुलिस भी खड़ी है। थोड़ी ही देर […]
सुशीला एक छोटे से गाँव से थी । वो सिलाई का काम करती, वो ज्यादा पढ़ी लिखी भी नही थी। उसका गुजारा मुश्किल से होता था, सिलाई से भी ज्यादा नही मिलता था, तीन बेटियो की जिम्मेदारी थी उस पर , पति के जाने के बाद सारी जिम्मेदारी अपने कन्धों पर […]
मधुबाला जैसा नाम वैसी सूरत वैसी काया और बिल्कुल वैसा ही काम । घर से लड़-झगड़ के चल पड़ी, सिनेमा की चकाचौंध दुनिया मे खुद को प्रुफ करने ये जानते हुए भी कि इसमे मुश्किले कितनी है। मगर मुश्किलो से ज्यादा जिसे खुद पर यकीन हो, ऐसी ही है हमारी आज की […]
उसकी एक नजर ने ही अमित को दीवाना बना दिया था, वह बला की खूबसूरत लग रही थी बारीश मे भीगी हुई, बारीश के पानी ने उसे सर से पाँव तक भीगो दिया था ,उसके गालो पर लिपटी उसकी जुल्फे किसी को भी दिवाना बनाने के लिये काफी थी , आज सच में सभी […]
मुकेश के पिता रंजीत काफी दिनों से बीमार चल रहे थे, बीमार पिता की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी मुकेश पर थी । माँ के चले जाने के बाद दोनों के बीच एक बाप-बेटे से विपरीत दोस्त जैसा रिश्ता था। मुकेश अपनी जिम्मेदारीयो को बखूबी जानता था, वह अपनी जिम्मेदारियों से न घबराने […]